थाचड़ू  से भीमडवार 10 km

 थाचड़ू  से भीमडवार  की दुरी करीब 10 km है।  यंहा पर आपको दुर्लभ हिमालयन फूल देखने को मिलेगा।

दुर्लभ हिमालयन फूल

थाचड़ू से कालीटोप(काली घाटी ) एकदम सीधी चढाई है  जिसको पार करने मैं बहुत समय लग जाता है। कालीटोप मैं  माँ काली को समर्पित एक छोटा सा मंदिर भी है।

इसके बाद आपको ढलान मिलेगा और आप नामक स्थान पर पहुँच जाओगे।भीमतलाई से कुंशा तक की यात्रा फिसलन वाली है।

कुंशा ग्लेशियर

यंहा पर रास्ते मैं बर्फ के ग्लेशियर देखने को मिलेंगे जिसको सावधानी से पार करना पड़ता है । भीमतलाई से भीमडवार की तक पहुंचने के लिए आपको कभी चढाई और कभी ढलान मैं चलना होगा।

भीमडवार

मैं श्री खंड सेवा दल की ओर से आपको खाने और रहने की वयवस्था है। रात्रि मैं यंहा भजन और आरती का गायन होते रहता है। पुरे रास्ते मैं श्रदालु शिव नाम का(बम बम भोले , भोले की फ़ौज करेगी मौज़) गुणगान करते जाते है।

जब भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया तोह भस्मासुर ने माता पार्वती से शादी करने के लिए शिवजी के ऊपर हाथ रख कर भस्म करने की योजना बनाई।  शिवजी ने भीमडवार के पास माता पार्वती का रूप धारण कर भस्मासुर को नृत्य करने पर राजी किया।

नृत्य करते समय राक्षस ने अपने सर पर हे हाथ रख दिया और खुद ही भस्म हो गया। आज भी आप भीमडवार के पास मिटटी और पानी लाल हुआ है देखा जा सकता है।

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