पार्वतीबाग से श्रीखंड महादेव

पार्वतीबाग से Shrikhand Mahadev  की दुरी करीब 5 km है। किंवदंतियों के अनुसार माता पार्वती ने यह जगह अपने रहने के लिए चुना था। यंहा पर आपको बहुत सारे दुर्लभ जड़ी भूटिया मिलेंगे और ब्रह्मकमल यंहा बहुत मात्रा मैं पाया जाता है।

ब्रह्मकमल

अंतिम यात्रा पार्वतीबाग से Shrikhand Mahadev की अगली सुबह जल्दी उठ कर किया जाता है क्यूंकि पार्वतीबाग से श्रीखंड यात्रा उसी दिन मैं पूरी कर वापिस आना पड़ता है। यंहा से आगे रात में रुकने की मनाई है और कोई रुकने की सुविधा भी नहीं है।

पार्वतीबाग से लगभग 2 Km  की दुरी पर नयन सरोवर है।  यह एक कठिन चढाई वाला रास्ता  है जो पथरीला रास्ता है।  यंहा पर ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण चलना मुश्किल होता है। इसलिए यह सलाह रहती है की छोटे छोटे कदम लगाकर आगे की यात्रा किया जाये।

नयन सरोवर

“हर हर महादेव” के मंत्र, और “ओम नमः शिवाये” इस यात्रा  को आसान बनाते हैं। नयनसरोवर बहुत हे सूंदर झील है। किंवदंतियों के अनुसार ऐसा माना जाता है माता पार्वती प्रातकाल मैं यंहा स्नान करने आती है।

यह झील अक्सर बर्फ से ढकी रहती है ऐसा यात्रा के दौरान भी देखा जाता है। श्रद्धालु इस सरोवर मैं स्नान करते है और यंहा पर माँ पार्वती का पूजन करते है।  यंहा से जल को अपने साथ लेकर श्रीखंड महादेव की और प्रस्थान करते है। नयनसरोवर के जल को गंगा जल के समान पवित्र मन जाता है।

यंहा से आगे की यात्रा और भी कठिन है लगातार चढाई होने के कारण थकान वह सांस फूलने की समस्या आती है।  रास्ते मैं बहुत जयादा बर्फ होती है और कई जगहों मैं रास्ता बहुत हे कठिन होता है।

भीमबही

करीब १६००० की ऊंचाई पर भीमबही नाम का एक जगह है जंहा आपको विशाल गड़े हुए पत्थरो के देर देखने को मिलती है और उसमें किसी प्राचीन लिपि को लिखा गया है जिसे आज तक पड़ा नहीं गया है।

किंवदंतियों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भीम एक बार यहां से स्वर्ग तक सीढ़ियों का निर्माण करना चाहते थे लेकिन समय की बाधा के कारण इसे पूरा नहीं कर सके।

अंत मैं जब आप श्रीखंड महादेव के सामने पाए जाते है यह एक जादुई क्षण होता है।  इसको शब्दों मैं वर्णन करना संभव नहीं है। बहुत हे सुन्दर दृश्य आपके आँखों के सामने होता है।

Shrikhand Mahadev आपके सामने होते है और इस जगह की सुंदरता अद्भुत, अविश्वनीय और अकल्पनीय है। यंहा पर श्रीखंड महादेव जी के शिवलिंग की ऊंचाई 72 फ़ीट है जो एक चट्टान के रूप मैं है। माता पार्वती और गणेश जी भी विद्यमान है।

श्रीखंड महादेव

दूर पहाड़ पर कार्तिके को भी देखा जा सकता है। यंहा पहुंचने पर भगवान शिव की पूजा अर्चना बेलपत्र चढ़ा कर किया जाता है। कुछ देर यंहा रुकने के बाद वापिस पार्वतीबाग  की और रवाना हो जाते है।

यंहा पर मौसम पल पल मैं बदलता रहता है। कभी यंहा बर्फीले तूफान और कभी गहरी धुंध निकलती है जिससे भक्त कई बार रास्ता बटक जाते है।

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